जीएम वायरस के जरिये अब खोई हुई रौशनी आ सकती है वापिस

इटावा सहकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद पूर्णिया: बैंक सीएसपी संचालक की हत्या, 5 लाख रुपये लेकर अपराधी फरार चित्रकूट में मतदान की तैयारियों को लेकर हुई बैठक इटावा सफ़ारी पार्क में 4 नवजात शावकों की मौत पीलीभीत से तीर्थ यात्रियों का जत्था रवाना पंजीयन विभाग ने संपत्ति की रजिस्ट्री सरकारी गाइडलाइन दर से कम रेट में करने पर लगाई रोक कन्नौज न्यायालय में कल लगेगा नि:शुल्क मेडिकल कैंप सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत राजनांदगांव में लोग घरों में लगा सकेंगे सोलर पैनल फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप ने पलवल जिले के गांव फुलवाड़ी में जनसभा को संबोधित किया। पीलीभीत में दुष्कर्म के आरोपी को फास्ट्रैक कोर्ट द्वारा सुनाई गई 10 साल सश्रम कारावास की सजा राजनाथ सिंह-ओपी श्रीवास्तव के समर्थन में सीएम योगी ने की जनसभा टोंक : महिला थाने का एएसआई 15 हजार की रिश्वत लेते गिरिफ्तार आज का राशिफल कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इंडी गठबंधन के कुरुक्षेत्र लोकसभा से प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता के लिए वोट मांगे । पलवल के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की। स्वाति मालीवाल मारपीट मामले पर केजरीवाल पर बरसीं निर्मला सीतारमण लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के नाम वापस लेने का आज अंतिम दिन आज विश्‍व दूरसंचार एवं सूचना सोसायटी दिवस है एम्स के चिकित्सक और पूर्व सैनिक मिलकर सामाजिक जागरूकता के लिए पहल करेंगे ग्राम स्वराज किसान मोर्चा ने भिवानी के गांवों में चलाया मतदाता जागरूकता अभियान, युवाओं को दिलाई शपथ

जीएम वायरस के जरिये अब खोई हुई रौशनी आ सकती है वापिस

Gauri Manjeet Singh 24-10-2020 16:51:19

नई दिल्ली,Localnewsofindia-एक वायरस की जेनेटिक संरचना में बदलाव कर आंखों का नूर लौटाना मुमकिन है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दृष्टिहीन चूहों पर सफल आजमाइश के बाद यह दावा किया है। उन्होंने मनुष्य पर जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) वायरस के परीक्षण की तैयारियां तेज कर दी हैं।  टेक्सास की ‘नैनोस्कोप फर्म’ में शीर्ष वैज्ञानिक सुब्रत बटब्याल ने बताया कि चूहों में जीन थेरेपी से मिली सफलता के बाद हम मानव परीक्षण करके यह समझना चाहते हैं कि द्विध्रुवी कोशिकाओं के माध्यम से मिलने वाले संकेत किस तरह दृष्टि की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, इनसानों में परीक्षण से हमें यह पता लगेगा कि इलाज के बाद आंखों की दृष्टि क्या किसी तेज गति वाली वस्तु को तुरंत पहचान पाने में सक्षम है।  

जीन थेरेपी का कमाल-

-दृष्टिहीन चूहों की आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक जीन थेरेपी का इस्तेमाल किया। इसके जरिये आंख में एक लाइट सेंसरिंग प्रोटीन विकसित हुआ, जो उसके पिछले हिस्से में मौजूद विशेष कोशिकाओं में दृष्टि क्षमता विकसित करता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस थेरेपी से चूहों में सुरक्षा से संबंधित कोई
समस्या नहीं दर्ज की गई। उनके रक्त या ऊतकों की जांच से शरीर में सूजन पैदा होने जैसे कोई संकेत नहीं मिले।  

लाइट सेंसरिंग प्रोटीन का कमाल

जेनेटिक मॉडिकेशन (जीएम) तकनीक से ऐसा वायरस तैयार किया जाता है, जो ऊतकों के लिए हानिकारक नहीं। इस वायरस को इंजेक्शन के जरिये आंख में प्रतिरोपित किया जाता है। रेटिना में पहुंचकर यह वायरस एक खास लाइट सेंसरिंग प्रोटीन पैदा करता है, जो ‘एमसी010पीएसआईएन’ नाम से जाना जाता है। इस प्रोटीन के कारण आंखों की द्विध्रुवी कोशिकाएं क्षतिग्रस्त फोटोरिसेप्टर में सुधार करती हैं और रोशनी बहाल हो जाती है। 

20 फीट की दूरी तक देख सकेंगे दृष्टिहीन 

शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस प्रयोग के सफल नतीजे मिलने पर दृष्टिहीन मरीजों के लिए 20 फीट की दूरी पर मौजूद वस्तुओं को देखना संभव होगा, जबकि सामान्य दृष्टि वाला व्यक्ति 60 फीट तक देख सकता है। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि अगर किसी दृष्टिहीन इनसान की देखने की क्षमता में इतना भी सुधार होता है तो यह उपचार एक मूल्यवान विकल्प बन जाएगा। वायरस का मानव परीक्षण साल के अंत में शुरू करने की योजना है।

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :